साध-संगत ने बरनावा आश्रम में मनाया डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह व किया भंडारा

Date: 2024-04-08
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बरनावा
डेरा सच्चा सौदा के 76 वें रूहानी स्थापना माह का भंडारा रविवार को जनपद के बरनावा स्थित एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केंद्र शाह सतनाम जी आश्रम में साध-संगत द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। 

इस दौरान फसली सीजन और गर्मी के बावजूद भंडारे व नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम में आस्था व भक्ति का विहंगम संगम देखने को मिला, जिससे लगाए गए विशाल पांडाल छोटे पडते रहे।वहीं आश्रम की ओर आने वाले रास्तों पर नामचर्चा की समाप्ति तक साध-संगत के रूप में जन सैलाब का आना जारी रहा। 

बता दें कि, डेरा सच्चा सौदा की ओर से 162 मानवता भलाई के कार्य किए जा रहे है, जिनमें क्लाथ बैंक मुहिम के तहत नामचर्चा सत्संग के दौरान 76  जरूरतमंद लोगों को गर्मी के कपड़े वितरित किए गए। इससे पूर्व 11 बजे धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा व अरदास बोलकर सत्संग भंडारे के कार्यक्रम की शुरुआत हुई व कविराजों ने सुंदर भजन वाणी के माध्यम से प्रभु परमात्मा की महिमा का गुणगान किया।

वहीं सत्संग पंडाल में लगाई गई बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीनों पर गुरु जी के अनमोल वचन चलाए गए, जिसे साध-संगत ने एकाग्रचित्त होकर सुना। 
                               
उल्लेखनीय है कि ,डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईं शाह मस्ताना महाराज ने 29 अप्रैल 1948 में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी। दूसरे पातशाही शाह सतनाम महाराज व मौजूदा संत डा गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां के सान्निध्य में रूहानियत के इस सच्चे दर से जुड़कर अब तक करोड़ों लोग नशा व अन्य सामाजिक बुराइयां छोड़कर खुशहाल जीवन जी रहे हैं। 
             
एलईडी के माध्यम से  गुरु जी ने फरमाया कि सत्य एक ही है ,वो है ओम, हरी, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब । उसके अलावा दुनिया की हर चीज बदल जाती है,पर भगवान, ओम, हरी, अल्लाह, राम, वाहेगुरु ना कभी बदला था और ना ही कभी बदलेगा। वो सच था, सच है और सदा सच ही रहेगा।

नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम के दौरान डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए 162 मानवता भलाई के कार्यों में 89 वें कार्य के रूप में शामिल इंसानियत मुहिम के तहत डेरा अनुयायी सड़कों, सार्वजनिक स्थानों पर लाखर घूमते मन्दबुद्धि जीवों  की संभाल करते है और उन्हें उनके घर तक पहुंचाते हैं। इससे संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, ताकि समाज के अन्य लोग भी मंदबुद्धि जीवों की संभाल के लिए आगे आएं।

 वहीं नामचर्चा सत्संग कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्त समाज की संरचना को लेकर नशे से जागरूक करता गाया गया भजन जागो दुनिया दे लोको व आशीर्वाद मांओं का सुनाया गया। जिस पर साध-संगत ने नाच गाकर खुशियां मनाई।

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