खेकड़ा
पारस प्रभु के अतिशय क्षेत्र बड़ागांव के दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान के अंतिम दिन भव्य रथ यात्रा के साथ पर्व संपन्न हो गया। संगीतमय भजनों पर जैन श्रद्धालुओं ने अबीर गुलाल उडाकर नृत्य किया। आर्षमति माता ने सभी को आशीर्वाद दिया।
पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ागांव के प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर में 18 मार्च को आठ दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान शुरू हुआ था। सोमवार को विधान में सुबह के समय प्रभु का अभिषेक किया गया। शांति धारा की गई। अर्घ्य चढ़ाकर प्रभु का पूजन किया गया आरती उतारी गई। इसके बाद यज्ञ हुआ।
यज्ञ को पंडित जयकुमार निशांत ने मंत्रोचार के जरिए पूर्ण कराया। सुभाष चंद्र जैन आदि यज्ञ के यजमान रहे। यज्ञ के बाद पारस प्रभु की रथ यात्रा निकाली गई जो बैंडबाजो के साथ मंदिर परिसर से शुरू हुई। यात्रा ने त्रिलोक तीर्थ और साधुवृति आश्रम में भ्रमण किया। यात्रा में संगीतमय भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।
प्रभु रथ पर हुए सवार नगाड़ा बाज रहा और होली खेले मुनिराज अकेले वन में आदि भजनों के साथ यात्रा पांडुक शिला पर पहुंची। वहां 1008 कलश जल से प्रभु का अभिषेक किया गया। इसके बाद यात्रा वापस मंदिरजी पहुंची।
वहां विधि विधान के साथ प्रभु को वेदी पर विराजमान किया गया। रास्ते में जगह जगह पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया। यात्रा में सैकड़ों जैन धर्मालंबी शामिल रहे। इनमें सुभाष चंद्र जैन, प्रभात जैन, आशीष जैन, संजीव जैन, त्रिलोक जैन आदि शामिल रहे।