सीआरएम योजना के तहत केवीके में हुआ दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण

Date: 2024-03-14
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मथुरा
अन्नदाता देश के विकास का आधार हैं। किसानों, पशुपालकों के बगैर देश विकास संभव नहीं है। ये उदगार वेटरनरी विवि के निदेशक प्रसार डा अतुल सक्सेना ने व्यक्त किए। 

वो बुधवार को वेटरनरी विवि के कुलपति प्रो डा एके श्रीवास्वत एवं कृषि प्रौधोगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कानपुर के दिशा निर्देशन में केवीके सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अन्तर्गत आयोजित दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। 

उन्होने कहा कि अन्नदाताओं की सेवा में वेटरनरी विवि एवं कृषि विज्ञान केन्द्र दोनो सदैव तत्पर रहते हैं। उनकी हर समस्या का निदान त्वरित होता है। किसानों को फसल अवशेष के लाभ एवं उसे जलाने से होने वाली गंभीर हानियो के बारे में विस्तृत जानकारी देकर किसानों को लाभान्वित किया। 

कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा वाईके शर्मा ने पराली के विभिन्न उपयोगों साथ-साथ किसानों को खेती की नवीनतम तकनीकी जानकारी देकर लाभान्वित किया। उप कृषि निदेशक राम कुमार माथुर ने सरकार द्वारा संचालित सभी लाभकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से लाभ उठाने की अपील की।

उद्यान वैज्ञानिक डा. बृज मोहन ने फल, सब्जियों के अवशेषों तथा उद्यान में होने वाली नवीनतम तकनीेकी की उपयोगिता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डा. रविन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि अन्नदाताओं के लिए फसलों के अवशेष अमृत की तरह हैं। इनको किसी तरह खेतों में जलाने का प्रयास कतई न करें। 

बल्कि फसलों के अवशेषों को खेतों मेें मिलाकर खेती की उर्वरता, भौतिक एवं रासायनिक दशा में सुधार करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रसार डा अतुल सक्सेना ने की तथा संचालन डा बृज मोहन ने किया। प्रशिक्षण समापन पर सभी किसानों को प्रमाण पत्र एवं एक-एक बैग देकर सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम मे गोंिवद कुमार गुप्ता, अनिल कुलश्रेष्ठ, एफसीए जितेन्द्र सिंह, चन्द्रशेखर शर्मा, प्रताप सिंह, राधारमन,  अरविंद, कमल सिंह, भगवान सिंह, रमेश चंद सहित सैकडों किसान मौजूद रहे।

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