पीलीभीत
बिलसंडा कस्बा की सराफा बाजार एवं पुरानी गल्ला मंडी स्थित श्री बांके बिहारी ट्रस्ट की बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से दुकानें एवं कोठियां बनवाकर किए गए कब्जे के मामले में एसडीएम ने एक माह पूर्व जांच करने के उपरांत काबिज सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किए थे, परंतु किसी ने भी स्वामित्व संबंधी अभिलेख पेश नहीं किए।
जिस पर अब एसडीएम ने दोबारा नोटिस जारी किए है, जिसमें तीन दिन के अंदर अभिलेख पेश न करने पर कार्यवाही का अल्टीमेटम दिया है।प्रशासन की इस कार्यवाही से उन सभी दुकानदारों में हड़कंप मच गया है, जो अरसे से काबिज होने के बावजूद बांके बिहारी ट्रस्ट को धेले का किराया नहीं दे रहे हैं। जबकि ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी भी इस मामले को लेकर अधीनस्थों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैंl
बता दें कि कुछ दिन पहले नगर के मोहल्ला पक्का तालाब निवासी संतोष वर्मा ने तत्कालीन जिला अधिकारी प्रवीण कुमार लक्ष्य कर को तहसील दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने श्री बांके बिहारी ट्रस्ट की बेशकीमती करोड़ों की जमीन पर करीब 68 दुकानें एवं कोठियां बनी होने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था, कि कब्जेदारों ने आज तक ट्रस्ट में किराए के नाम पर धेला भी जमा नहीं किया।
जिस पर एडीएम ने बीसलपुर के एसडीएम से रिपोर्ट तलब की थी । इसके बाद एसडीएम महिपाल सिंह ने इस मामले की चार बिंदुओं पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से रिपोर्ट तलब की, लेकिन उनके द्वारा सभी बिंदुओं पर कोई जानकारी नहीं होने की बात कहकर रिपोर्ट दी गई। जबकि उन्हें ट्रस्ट की जमीन पर कुल कितनी दुकानें बनी होने ,और उन पर कौन-कौन व्यक्ति काबिज हैं , क्या उनसे किराया वसूला जा रहा है।
इतना ही नहीं उन्होंने काबिज लोगों को नियमानुसार जगह का आवंटन किए जाने के बाबत विस्तृत रिपोर्ट देनी थी,परंतु मामले में लीपापोती करते हुए नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कोई जानकारी नहीं होने का जिक्र करते हुए रिपोर्ट दी गई थी। जिसके बाद एसडीएम ने पिछले महीने स्वयं आकर जांच की। जांच के दौरान कई दुकानदारों ने दुकानों का बैनामा होने की बात तो कही, परंतु मौके पर किसी भी दुकानदार ने बैनामा नहीं दिखाया।
यही वजह है कि एसडीएम ने ऐसे सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किए थे, नोटिस में तीन दिन के अंदर दुकानों के स्वामित्व संबंधी अभिलेख पेश करने का निर्देश दिया था। परंतु किसी भी दुकानदार ने एक महीना गुजर जाने के बाद भी स्वामित्व संबंधी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए ।जिस पर एसडीएम ने सोमवार को दोबारा नोटिस जारी किए हैं। जिसमें उन्होंने यह अल्टीमेटम भी दिया है, कि 3 दिन के अंदर अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए जाने पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उधर प्रशासन की इस कार्यवाही से ऐसे सभी दुकानदारों में हड़कंप मच गया। जो अवैध रूप से ट्रस्ट की जमीन पर वर्षों से काबिज है। बताते हैं कि सपा शासन काल में जब मामले ने तूल पकड़ा तो तत्कालीन तहसीलदार नन्हे सिंह यादव ने इस मामले की जांच की थी। कोई कार्यवाही अमल में आ पाती, इससे पहले ही उनका स्थानांतरण हो गया था।
उसके बाद पूर्व एसडीएम वंदना त्रिवेदी ने भी ट्रस्ट पर काबिज दुकानदारों से किराया जमा करने को कहा था। परंतु आज तक किसी ने भी किराया जमा नहीं किया। अधिशासी अधिकारी द्वारा गोल-गोल तरीके से दी गई रिपोर्ट के बाद 15 जनवरी को एसडीएम महिपाल सिंह ने स्वयं आकर मामले की जांच की थी।
उन्होंने जमीन पर काबिज दुकानदारों से पूंछताछ करने के साथ ही कई अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी की थी। उधर एसडीएम महिपाल सिंह ने बताया कि सभी दुकानदारों को नोटिस रिसीव कराए गए हैं। 3 दिन के अंदर स्वामित्व संबंधी अभिलेख पेश करने को कहा गया है।