बागपत
हालांकि अभी तक रालोद और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग का औपचारिक खुलासा नहींं हुआ है ,किंतु दिल्ली व लखनऊ के सूत्रों से पता चल रहा है कि, भाजपा द्वारा रालोद के लिए दो सीटें छोडी जाएंगी तथा यूपी मंत्रीमंडल में एक मंत्री व एक राज्यमंत्री पद दिया जा सकता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिकांश सीटों पर हार जीत के समीकरण बनाने वाले रालोद के विधायकों सहित पदाधिकारियों में भी इसबार की ऊंची उड़ान की उम्मीद के बदले धरातल पर आकर हुए समझौते की शर्तों का यूं तो बाहरी तौर पर समर्थन किया जा रहा है, किंतु आपस में कहा जाने लगा है कि, इसबार काफी विस्तार की संभावनाएं थी, किंतु सीमाएं निर्धारित कर दी गई हैं।
राज्यसभा चुनाव में जिस तरह रालोद विधायकों ने अपने अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर भाजपा प्रत्याशी को वोट किया और पहली परीक्षा में पास हुए, उससे उम्मीद बंधी है कि, रालोद को आशातीत सीटों पर चुनाव और सरकार में हिस्सेदारी मिलेगी, किंतु दो सीटों तक सीमित रखे जाने और एक मंत्री व एक राज्यमंत्री बनाए जाने की शर्त को बहुत कम बताया जा रहा है।
हालांकि अभी तक लोग खुलकर नहींं कह रहे हैं, किंतु औपचारिक घोषणा के बाद या फिर शर्तों के अनुसार मंत्री पद दिए जाने तक मौन वाचन जैसी स्थिति बनी रहेगी।