विदेश मंत्री एस. जयशंकर की दो दिनी यात्रा के दौरान नेपाल ने एक दीर्घकालिक 4 समझौते पर दस्तखत किए। यह समझौता आगामी 10 वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा। यहां एक द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर और नेपाल के ऊर्जा-जल संसाधन व सिंचाई मंत्री शक्ति बहादुर बस्नेत की मौजूदगी में बिजली निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
नेपाल के ऊर्जा सचिव गोपाल सिगडेल और उनके भारतीय समकक्ष पंकज अग्रवाल ने द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। पिछले साल 31 मई से 3 जून तक प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बिजली निर्यात पर सहमति बनी थी। इसके अलावा दीर्घकालिक ऊर्जा व्यापार, नेपाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा न्यू स्पेस इंडिया लिमि के बूच लूनास उपग्रह के लिए नेपाल को तकनीकी मदद और नवीकरणीय ऊर्जा प्रवर्धन में सहयोग के लिए नेपाल विद्युत प्राधिकरण तथा भारत के बीच समझौता भी हुआ है। जयशंकर ने नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद के साथ द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, कनेक्टिविटी परियोजनाओं और रक्षा और सुरक्षा में सहयोग पर चर्चा की।
2024 के पहले दौरे पर फिर से नेपाल आकर खुश हूं। इससे पहले उन्होंने नई दिल्ली में कहा, नेपाल निश्चित ही भारत की पड़ोस प्रथम नीति के तहत उसका अहम साझेदार है। यह दौरा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है।
जयशंकर ने नेपाल के विदेश मंत्री एनपी सऊद के साथ 7वीं भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार और आर्थिक संबंधों, भूमि, रेल और हवाई कनेक्टिविटी परियोजनाओं, रक्षा और सुरक्षा में सहयोग, कृषि, ऊर्जा, बिजली, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, नागरिक उड्डयन पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन, दीर्घकालिक बिजली व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा विकास में सहयोग व जाजरकोट भूकंप के बाद राहत आपूर्ति की 5वीं किश्त सौंपने पर समझौतों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का भी उद्घाटन किया।
विदेश मंत्री ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मिलकर अद्वितीय और बहुआयामी भारत-नेपाल संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने प्रचंड को पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से शुभकामनाएं दीं और जून 2023 में उनकी सफल भारत यात्रा को याद किया जिसने संबंधों को एक नई गति दी। प्रचंड ने कहा, भारत-नेपाल मित्रता अद्वितीय है।
जयशंकर ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से शिष्टाचार मुलाकात की। पौडेल ने नेपाल और भारत के बीच संपर्क, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने तथा जलविद्युत के क्षेत्रों में साझेदारी व सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।