वृन्दावन। पानीघाट क्षेत्र स्थित श्रीमलूक पीठ गौ शाला के सत्संग लीला मंडपम् में निकुंज लीला प्रविष्ट रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा की पावन स्मृति में नवदिवसीय निकुंज अष्टयाम दर्शन एवं अष्टयाम चर्चा महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारंभ हो गया है।महोत्सव का शुभारंभ जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज ने ठाकुरजी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया।इस अवसर पर जगद्गुरु द्वाराचार्य श्रीमलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज के द्वारा निकुंज लीला प्रविष्ट, रासाचार्य स्वामी श्रीराम शर्मा के स्मृति ग्रंथ "रास-रसोपासक" का विमोचन किया गया।
पूज्य महाराजश्री ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन की पावन भूमि पर ठाकुरजी की अष्टयाम लीला का दर्शन करने का सौभाग्य उन्ही को प्राप्त होता है,जिन पर ठाकुरश्री रासबिहारी और रासबिहारिणी की महती कृपा होती है।इसलिए सभी भक्तों को ठाकुरजी की इस निकुंज लीला का दर्शन अवश्य करना चाहिए।
तत्पश्चात रासाचार्य स्वामी कुंज बिहारी शर्मा के निर्देशन में अष्टयाम लीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।जिसे दर्शन कर सभी भक्त-श्रद्धालु भाव-विभोर हो गया।
महोत्सव में शरणागति आश्रम के महंत बिहारीदास भक्तमाली महाराज, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, पंडित राजाराम मिश्र, डॉ. रामसुदर्शन मिश्रा, गिरधर गोपाल भक्तमाली महाराज, संगीताचार्य मनमोहन शर्मा, गौरव शर्मा, डॉ. राधाकांत शर्मा, आनंद शुक्ला,संत जयकिशोर शरण, प्रेम बिहारी खरे, आचार्य बृजेश कुमार पयासी, विजया मूले, डॉ. चंद्रेश गुप्ता, भागवताचार्य रामनिवास शुक्ला,शशि कला मुले, रमेश चंद्र सराफ, विद्याधर दास, वृंदावन दास, पूर्व प्राचार्य शिवकुमार गोयल, जयप्रिया शरण (जानकी दास) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।