मास्को
रूस जबरदस्ती भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ जंग लडऩे के लिए भेज रहा है। रिपोट्र्स के मुताबिक, चार भारतीयों को रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ लडऩे के लिए मजबूर किया गया। रूसी कंपनियों ने इन भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम करने के लिए हायर किया था।
इसके बाद इन्हें रूस की प्राइवेट आर्मी कही जाने वाले वैगनर ग्रुप में भर्ती करवा दिया गया और जंग के मैदान में छोड़ दिया गया। इन लोगों के परिजनों के बताया कि कुछ एजेंट्स ने दिसंबर 2023 में नौकरी के नाम पर धोखे से भारतीयों को रूस भेज दिया था। अब ये भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं।
चार भारतीयों में से एक 22 साल के मोहम्मद सुफियान ने एक रूसी सैनिक के फोन से अपने घरवालों को मैसेज भेजा। लिखा- मैं यूक्रेन बॉर्डर से 40 किलोमीटर दूर हूं। हमें हमारी मर्जी के खिलाफ जंग के मैदान में भेजा जा रहा है। हमें धोखा दिया गया। हमारी मदद करो। हम किसी भी कीमत पर भारत लौटना चाहते हैं। रिपोट्र्स के मुताबिक, चारों भारतीय फेक आर्मी जॉब रैकेट का शिकार हुए।
ये पहली बार नवंबर 2023 में एजेंट्स से मिले थे। एजेंसट्स ने हेल्पर की नौकरी के लिए लाखों की सैलरी बताई थी। इसके बाद दिसंबर 2023 में भारतीयों को विजिटर वीजा पर रूस ले जाया गया। सभी ने चेन्नई एयरपोर्ट से उड़ान भरी। रिपोट्र्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ये भारतीय दुबई में नौकरी करते थे।
उनकी सैलरी 30-40 हजार रुपए थी। एजेंट्स ने 2 लाख की सैलरी वाली नौकरी का झांसा दिया। एक परिजन ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट्स ने भारतीयों से 3 लाख रुपए भी लिए। अब उन्हें वैगनर आर्मी में भर्ती करके यूक्रेन के खिलाफ जंग लडऩे भेजा जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के एक आदमी ने इन लोगों से एक कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन करवाए थे। कॉन्ट्रैक्ट रूसी भाषा में लिखा था। साइन लेते समय इन लोगों से कहा गया कि वे रूस में हेल्पर की नौकरी से जुड़े पेपर पर साइन कर रहे हैं।