बडौत
महातपस्वी जैन आचार्य श्री 108 विद्या सागर जी महाराज का देवलोक गमन छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ स्थित चंदगिरि तीर्थ में 78 वर्ष की आयु मे हो गया, उनके परलोक गमन के समाचार से जैन समाज स्तब्ध हो गया।
आचार्य श्री को श्रद्धांजलि देने के लिएश्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर कैनाल रोड के प्रांगण में मुनि श्री अनुपम सागर जी महाराज और मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज के सानिध्य मे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, संचालन डॉ श्रेयांस जैन द्वारा किया गया।सभा में जैन समाज की विभिन्न संस्थाओ के पदाधिकारियों ने आचार्य विद्यासागर जी महाराज को आज के युग का वर्द्धमान बताया।
सभा मे बोलते हुए आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि श्री अनुपम सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्य श्री के देवलोक गमन से जैन दर्शन का एक सूर्य अस्त हो गया, लेकिन काल किसी पर करुणा नहीं करता। कुछ भी शाश्वत नही है।आचार्य श्री ने चिरकाल तक साधना की। जीवों को कल्याण का उपदेश दिया। स्याद्वाद की पताका को फहराया।आज उनकी आत्मा समाधि को प्राप्त हो गयी है। आचार्य श्री ने अपने जीवन मे कठोर अनुशासन के साथ पूरे संघ को संभाला।समाज को कल्याण के उपदेश दिये।आज समूचा जैन समाज, पूरा देश आचार्य श्री के देवलोक गमन से स्तब्ध है, दुखी है।
आचार्य अनुपम सागर ने कहा कि, व्यथा से काम नही चलेगा।हमें आचार्य श्री के बताये हुए मार्ग पर चलना है और अपने जीवन को सफल बनाना है।आचार्य श्री ऐसे साधक हैं जिन्हे युग युगांतर भी कोई भुला नही पायेगा। वे अपनी क्रिया, अपनी चर्या से आज भी सबके दिलों मे विराजमान रहेंगे।अंतिम साँसों तक आचार्य श्री का मौन भी उनका प्रवचन है। समता मे रहना, अपने एकाग्र चित्त मे रहकर ध्यान में रहना भी प्रवचन है।सभा मे मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज ने भी आचार्य श्री को भाव सुमन अर्पित किये।
श्रद्धांजलि सभा मे सुरेंद्र जैन, सुभाष जैन, अनिल जैन, अशोक जैन, विनोद एडवोकेट, अनिल राजदूत, राजकुमार जैन,नवीन बब्बल, वरदान जैन,हंस कुमार जैन,रामकुमार जैन, प्रमोद जैन, पवन जैन, सचिन जैन,राहुल जैन, उदित जैन, शरद जैन, विवेक जैन, सुनील जैन, नीरज जैन, अंकुर जैन, सौरभ जैन, आशीष जैन,राजेश जैन आदि उपस्थित रहे।