बड़ौत
राज्यमंत्री केपी मलिक द्वारा कोताना के यमुना तटवर्ती क्षेत्र में अवैध रेत खनन रोकने के लिए जिलानी को पत्र लिखे जाने व स्वयं डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सख्त निर्देश के बावजूद रेत खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा। खेकड़ा क्षेत्र में तो एसडीएम और तहसीलदार ने गत दिवस अवैध खनन व ओवरलोडिंग तीन डंफर पकड़े, लेकिन छपरौली बडौत और कोताना क्षेत्र में माफिया बेखौफ यमुना का सीना चीरने में लगे हैं।
लोगों का कहना है कि,कोतवाली क्षेत्र के कोताना गांव में रेत खनन का धंधा पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है जिसमें रेत माफियाओं का खुला राज चल रहा है । रेत माफियाओं ने यमुना नदी का सीना चीरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी । इसका जीता जागता प्रमाण उस समय मिला जब आज सुबह ही रेत से भरा हुआ ओवरलोड एक डंफर गांव में घुसते ही पलट गया ,जिससे बड़ा हादसा होने से बाल बाल बच गया। अगर इस डंफर के पलटने से कोई चपेट में आ जाता, तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन दीवार की बराबर में बंधे हुए पशु भी बाल-बाल बच गए तथा चारों तरफ भागो भागो की आवाज सुनाई देने लगी थी। वहीं डंपर पलटने से दीवार टूट कर गिर गई। जेसीबी को बुलाकर बड़ी मुश्किल से डंफर को वहां से हटाया गया।
ग्रामवासियों का कहना है कि ,रेत के ओवरलोड वाहनों से तथा उनकी जल्दी व स्पीड के चलते हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, सडकें टूट चुकी हैं तथा गहरे गहरे गड्ढे हो गये हैं,ऐसे में स्थानीय अधिकारी कोई कार्रवाई करने से क्यों और कब तक कतराते रहेंगे। ग्रामीण जनता इसका उत्तर चाह रही है।