पुराने सांसद भवन में आज अणुव्रत अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के तत्वावधान में अणुव्रत संसदीय मंच द्वारा राजनीति का आकाश और अणुव्रत" विषयक संगोष्ठी संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में साध्वी श्री अणिमाश्री ने कहा कि सयंम आत्मानुशासन से ही संभव है। आपने सांसदों का आह्वान किया कि जन प्रतिनिधियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे स्वयं के साथ समाज में नैतिकता और चारित्रिक उन्नयन तथा नैतिकता को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें तो बुराइयों, नैतिक ह्रास एवं पतन को रोका जा सकेगा।
केंद्रीय कानून, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री एवं अणुव्रत संसदीय मंच के संयोजक अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि अणुव्रत अनुशास्ता महान संत आचार्य तुलसी ने अपनी दूरदर्शी सोच से वर्षों पूर्व स्वयं द्वारा प्रवर्तित अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से न केवल नेताओं बल्कि आम व्यक्ति के लिए सटीक आचार संहिता बना दी थी जोकि आज भी सर्वाधिक प्रासंगिक है यह सुखद संयोग ही है कि देश की आजादी के साथ ही यह वर्ष अणुव्रत का भी अमृत काल वर्ष है।
अणुविभा अध्यक्ष अविनाश नाहर ने अपने स्वागत भाषण में अणुविभा द्वारा संपादित किये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों को सांसदो के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उनसे सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की।
इस मौके पर इंदौर के सांसद शंकरलाल लालवानी, जम्मू कश्मीर के जुगल किशोर, वडोदरा की रंजना भट्ट, जयपुर के राम चरण बोहरा, सिरसा की सुनीता दुग्गल, मेरठ के राजेन्द्र अग्रवाल, कर्नाटक के लहर सिंह सिरोया, महसाना की शांता बहन आदि ने अणुव्रत संसदीय मंच की सराहना करते हुए संयम, अपरिग्रह, नैतिकता, सत्य, अहिंसा के मूल मंत्रों को अंगीकार करने के साथ ही युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
संगोष्ठी में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतिभा भौमिक, सांसद राहुल कस्वां, रतन सिंह, गीता बेन रतवा, मितेश भाई पटेल के साथ ही अणुविभा के ट्रस्टी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन अणुविभा की संगठन मंत्री डॉ कुसुम लुनिया ने किया आभार ज्ञापन अणुविभा महामंत्री भीखम सुराणा ने किया।