जब वे कहते हैं कि राम भक्त ही राज करेगा तो चिढ़ते क्यूं हो ? आप का राम से कोई बैर है क्या ?
Date: 2024-02-14
जब वे कहते हैं कि राम भक्त ही राज करेगा तो चिढ़ते क्यूं हो ? आप का राम से कोई बैर है क्या ? राम के नाम को सांप्रदायिकता से जोड़ने का जमाना चला गया । महात्मा गांधी जब राम धुन गाते थे , रामराज्य का स्वप्न देखते थे अथवा हे राम कहते हुए प्राण त्याग रहे थे , तब तो किसी को ऐतराज नहीं था ।
बापू की बदौलत नेहरू को बांटे जा चुके हिन्दुस्तान की सत्ता मिली तो उन्होंने क्यों नहीं कहा कि भारत में रामराज्य की स्थापना करेंगे ? जिन्ना ने जब धर्म के आधार पर अलग देश लेकर उसे इस्लामिक राष्ट्र बना दिया तो पंडित नेहरू ने हिन्दुस्थान को हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं बनाया ? आधा कश्मीर क्यूं दे दिया थाली में परोस कर ?
चलो मानते हैं कि पंडित जी को हिन्दू नाम न भाता हो पर राम से तो परहेज नहीं था । तब नेहरू ने क्यों नहीं कहा कि जिन्ना ने इस्लामिक राष्ट्र बनाया तो हम राम राष्ट्र बनाएंगे , रामराज्य लाएंगे ? जिन सरदार पटेल का हक़ छीनकर नेहरू को पीएम की कुर्सी सौंपी गई , वे तो तभी बना रहे थे सोमनाथ मंदिर ?
तो पंडित होते हुए भी पंडित जी ने क्यूं नहीं बनाए राम मंदिर ? उसी समय हल हो जाते काशी मथुरा के मुद्दे ? लेकिन उन्हें हल करने की सोच ही नहीं थी । सोमनाथ मंदिर के लोकार्पण के समय डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को रोकने का प्रयास क्यों किया । वे तो नहीं माने , सरदार के बुलावे पर सोमनाथ गए ?
अतीत में गंभीर गलतियां हुई हैं स्वीकार लीजिए । देशवासियों से आपातकाल पर माफी नहीं मांगी , सिक्खों के नरसंहार पर माफी नहीं मांगी । चलो देश का बंटवारा स्वीकारने पर ही माफी मांग लीजिए ? विभाजन के समय लाखों निर्दोषों की हत्याओं पर तो माफी मांग लीजिए ?
भारतमाता के दिल के टुकड़े कश्मीर का विषय यूएनओ में ले जाने पर तो माफ़ी मांग लीजिए ? राम का अस्तित्व ही अस्वीकार करने पर तो माफ़ी मांग लीजिए । राम जन्मभूमि की राह में अड़चनें खड़ी करने पर तो माफी मांग लीजिए ? इसे छोड़िए काशी मथुरा के अस्तित्व को तो स्वीकार कर लीजिए ।
ये विषय किसी पार्टी विशेष से नहीं , करोड़ों वर्ष पुरानी सनातन सभ्यता से जुड़े हैं । इस देश की माटी और अस्मिता जुड़े हैं । अध्यात्मवादी आर्यावर्त भारतवर्ष , जंबू द्वीप और भरतखण्ड से जुड़े हैं । युगों , कल्पों और मन्वंतरों से जुड़े हैं । आज का भारत करवट बदल चुका है । एक ऐसा भारत जो नई प्रगतिशील डगर पर तेजी से चल पड़ा है । लेकिन अकेला नहीं । वह चला है अपनी तमाम प्राचीन मान्यताओं और संस्कृति के साथ ।
एक नया भारत जो पांचवीं पायदान से सीधे तीसरे और फिर पहले पायदान पर खड़ा होने की ओर चल पड़ा है । अपनी विरासतों के साथ संपन्न राष्ट्रों की कतार में सबसे आगे खड़ा होने का संकल्प लेकर । एक ऐसा राष्ट्र जिसे राम कृष्ण के नाम से संजीवनी मिलती है । तो मित्रों , राम को अपनाइए , राम के हो जाइए । इस राष्ट्र का ध्रुव सत्य यही है कि अब राम भक्त ही राज करेगा , करता रहेगा ।