बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती के साथ ही पुस्तक व लेखनी के पूजन से होता है बौद्धिक व मानसिक विकास

Date: 2024-02-14
news-banner
खेकड़ा

 एफएएम स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया तथा छात्र छात्राओं से लेखनी, पुस्तक को देवी सरस्वती के रूप में सम्मान देने का आह्वान किया। 

प्रबंधक ओमप्रकाश धामा ने कहा कि, दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के साथ ही रोकड बही और तिजोरी के पूजन की परंपरा है उसी तरह देवी सरस्वती के पर्व बसंत पंचमी पर उनके पूजन के साथ ही पुस्तक, लेखनी आदि के पूजन से बौद्धिक व मानसिक विकास होता है। 

इस अवसर पर बसंत पंचमी पर्व के उपलक्ष्य में छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक व बौद्धिक आयोजन किये। कॉस्टयूम एक्टिविटी के माध्यम से विभिन्न प्रकार की पोशाकों के साथ फूलों के गहने पहने ,पीले रंग का पारंपरिक फूड बनाकर प्लेट में सजाया गया,पंतग बनाकर  पीले रंग की कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया व पीतवर्ण के व्यंजन भी परोसे ।

समारोह की शुरुआत ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन कर विद्यार्थियों ने पंतग उड़ाकर वातावरण को मनमोहक बना दिया।स्कूल चेयरमैन ओमप्रकाश धामा व प्रधानाचार्या अनुभव धामा ने विद्यार्थियों को इस पर्व की महत्ता को समझाते हुए कहा कि बसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु का श्रीगणेश होता है इस मौके पर सचिन धामा, अक्षय धामा, आशु ,अलका, निशु , ज्योति धामा, प्रिया त्यागी आदि मौजूद रहे।

Leave Your Comments