संदेशखाली की घटना पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त, लिया संज्ञान

Date: 2024-02-13
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ण के आरोपों पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि आदिवासियों की जमीन छीनने और महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने की मीडिया रिपोर्टों से हम बेहद दुखी और परेशान हैं।

मामले की गंभीरता को समझते हुए न्यायाधीश ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस संबंध में राज्य और वरिष्ठ पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 20 फरवरी को होगी। न्यायाधीश ने मामले में उच्च न्यायालय की सहायता के लिए अधिवक्ता जयंत नारायण चटर्जी को न्याय मित्र नियुक्त किया। बता दें राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे सरकारी वकील देबाशीष रॉय अदालत के समक्ष उपस्थित थे। संदेशखाली में पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

संदेशखाली की घटना पर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ वह पश्चिम बंगाल के लिए बेहद शर्मनाक है। यह एक निंदनीय घटना है। राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इम मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। 

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पश्चिम बंगाल के अशांत संदेशखाली क्षेत्र का स्वतः संज्ञान लिया थै। उन्होंने प्रशासन को तीन दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत मामले की जांच करने का निर्णय लिया है। आयोग ने कहा, 'आपसे अनुरोध है कि इस नोटिस की प्राप्ति के तीन दिनों  के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करें। रिपोर्ट में घटना, पीड़ितों और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से जुड़ी सभी जानकारियां होनी चाहिए।

संदेशखाली में स्थानीय महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रहीं है। उन्होंने टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों पर जबरन उनके जमीनों पर कब्जा करने और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। महिलाओं ने शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की भी मांग की है।  पिछले महीने टीएमसी नेता शेख शाहजहां के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान शाहजहां के समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था, जिसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद से ही शाहजहां फरार है।

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