सरकार के नियम के अनुसार सभी चार पहिया वाहनों की विंडशील्ड पर फास्टैग होना अनिवार्य है। फास्टैग भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो एनएचएआई द्वारा संचालित है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, जिसके बाद अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक यूजर्स प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, वॉलेट या फास्टैग में कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेंगे, लेकिन जिन यूजर्स के वॉलेट या फास्टैग में बैलेंस बचा हुआ है वह इसे 29 फरवरी तक यूज कर सकते हैं।
आरबीआई ने पेटीमेंट पेमेंट्स बैंक के खिलाफ ये कार्रवाई व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की कम्प्लायंस वेरिफिकेशन रिपोर्ट के बाद की है। पेटीमए पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की कम्प्लायंस के मुद्दे पर आरबीआई को कई शिकायत मिलती थी, जिसके बाद आरबीआई ने ये सख्त कदम उठाया है।
आरबीआई की इस सख्ती के बाद पेटीएम फास्टैग यूजर्स के मन में एक सवाल उठ रहा है की, आखिर उनके मौजूदा पेटीएम फास्टैग में मौजूद बैलेंस का क्या होगा। साथ ही क्या वो आगे भी पेटीएम फास्टैग में रिचार्ज करा सकेंगे। अगर आप भी इसी तरह की शंका में हैं, तो आपको बता दें आरबीआई ने पेटीएम फास्टैग यूजर्स को 29 फरवरी 2024 तक अपने फास्टैग में मौजूद बैलेंस को खत्म करने की अनुमति दे दी है, लेकिन जिन यूजर्स के अकाउंट में 1 मार्च के बाद बैलेंस बचेगा तो वो उसे यूज नहीं कर सकेंगे।
सभी चार पहिया वाहनों की विंडशील्ड पर फास्टैग होना अनिवार्य है। फास्टैग भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जो एनएचएआई द्वारा संचालित है। यह प्रीपेड वॉलेट का उपयोग करके टोल बूथों पर भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग करता है। फास्टैग की वजह से ही टोल प्लाजा पर बेवजह की भीड़ नहीं लगती।