मुंबई बंदरगाह से जहाज पर काफी दूर मेडिकल इमरजेंसी की सूचना मिलने पर नौसेना ने तत्काल कार्रवाई की। नौसेना अपने हेलीकॉप्टर- एएलएच एमके III (एमआर) की मदद से मरीज की जान बचाने में सफल रही।
किसी भी संकट या आपातकाल में सेना की याद आती है। ताजा घटनाक्रम समुद्र में मेडिकल इमरजेंसी का है। भारतीय नौसेना ने मुंबई से लगभग 65 नॉटिकल माइल (120 KM) दूर से आई कॉल का तत्काल संज्ञान लिया और मरीज को एयरलिफ्ट किया। रिपोर्ट के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन इसलिए भी खास रहा क्योंकि जहाज पर हेलीकॉप्टर के लैंड करने की जगह नहीं थी। इसके बावजूद नौसैनिकों ने हार नहीं मानी और गजब का जज्बा दिखाया।
मुंबई के तट से 100 किलोमीटर से भी अधिक दूर जा चुके फ्रांसीसी ध्वज वाले कंटेनर शिप- सीएमए सीजीएम पैलैस रॉयल (CMA CGM Palais Royal) से मरीज की तबीयत बिगड़ी। नौसेना से मदद मांगी गई। मरीज को आंख या नसों से जुड़ी गंभीर समस्या थी। चेतावनी संदेश मिलने के बाद 16 जनवरी को नौसेना ने आईएनएस शिकरा पर मौजूद हेलीकॉप्टर को एम्बुलेंस की भूमिका में मदद के लिए भेजा।
आईएनएस शिकरा पर नौसेना का एएलएच एमके III (एमआर) मरीज की मदद के लिए भेजा गया, लेकिन कंटेनर शिप पर लैंडिंग की जगह ही नहीं थी। नौसेना ने मरीज को बड़े बास्केट जैसे लिफ्ट में बिठाकर एयरलिफ्ट किया गया। मिशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ किया गया और नौसेना के हेलीकॉप्टर मरीज को लेकर आईएनएस शिकरा पर सुरक्षित उतर आए।
मुंबई से इतर एक अन्य गतिविधि तेलंगाना में होने वाली है। हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर 18-21 जनवरी तक विंग्स इंडिया 2024 आयोजित होने वाला है। इसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अपने स्वदेशी प्लेटफार्म- हिंदुस्तान -228 विमान और एएलएच ध्रुव उन्नत हेलीकॉप्टर का प्रदर्शन करेगा।
एचएएल के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) सीबी अनंतकृष्णन ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 'मेड इन इंडिया' फिक्स्ड विंग सिविल एयरक्राफ्ट की पहल को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि HAL आने वाले समय में Do-228 और HS-748 जैसे विमानों के निर्माण में अपनी ताकत का समुचित इस्तेमाल कर रही है।
कंपनी निर्माण क्षमता को नागरिक विमान कार्यक्रमों में आजमा रही है। क्षेत्रीय परिवहन विमान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे HAL की क्षमताओं का विस्तार हो रहा है। मुख्य प्रबंध महानिदेश सीबी अनंतकृष्णन के मुताबिक, एचएएल नागरिक एमआरओ गतिविधियों को शुरू करने के लिए भी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।